मंगरोप (मुकेश खटीक)। कस्बे में 18 साल से कम आयु के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं जिससे वे इनका सेवन कर रहे हैं। स्कूलों के आसपास धड़ल्ले से बिक रहे तंबाकू उत्पाद खरीदकर बच्चे बिना डरे इनका सेवन कर रहे हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। सरकार के आदेशानुसार हर दुकान पर नसीहत लिखी होती है कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू युक्त पदार्थ बेचना दंडनीय अपराध है जिसमें सजा और जुर्माना दोनों प्रावधान हैं लेकिन इस नसीहत पर न तो दुकानदार अमल करता है और ना ही पुलिस प्रशासन। पुलिस प्रशासन ने कभी इन दुकानदारों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए है जिससे इन दुकानदारों के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि ये लोग अब विद्यालयों और सार्वजनिक स्थलों के आस पास बिना डरे 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेच रहे हैं। स्कूल के कक्षाकक्ष की दीवारों पर गुटखों की पीक से खींची हुई लकीरें पढ़ने वाले बच्चों के सुनहरे भविष्य पर कालिख पोतती हुई साफ नजर आती है। ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में हर वर्ष करीब 2300 से भी अधिक लोग नशे से होने वाली बीमारियों से अपनी जान गंवा देते हैं लेकिन फिर भी लोग सरेआम धूम्रपान करके आने वाली पीढ़ियों को धूम्रपान करने की प्रेरणा देते नजर आ जाते हैं। नशा मुक्ति आंदोलन कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वाले लोगों पर सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।